वक़्त से बड़ा बेवफा
कौन भला
जाते , मुड़ देखता भी नहीं
अलविदा की रस्म झूठी लगती
जाकर भी
हर दम रहता साथ
लगता है यूँ
........ वक़्त तुम्हारी ही परछाई है ...
कौन भला
जाते , मुड़ देखता भी नहीं
अलविदा की रस्म झूठी लगती
जाकर भी
हर दम रहता साथ
लगता है यूँ
........ वक़्त तुम्हारी ही परछाई है ...
No comments:
Post a Comment