इत्तेफाकन
तेरे शहर से गुज़ारना हुआ
सर्द हवाओं में
गर्माहट का घुलना हुआ
सफ़र पर चले जा रहे थे
राह में तेरी आहट पा
ठिठकना हुआ
तेरे बोलों की बानगी
दिल का आज फिर
तड़प कर धड़कना हुआ
~Rashmi~
तेरे शहर से गुज़ारना हुआ
सर्द हवाओं में
गर्माहट का घुलना हुआ
सफ़र पर चले जा रहे थे
राह में तेरी आहट पा
ठिठकना हुआ
तेरे बोलों की बानगी
दिल का आज फिर
तड़प कर धड़कना हुआ
~Rashmi~
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