The journey accounts, traveling into infinity, capturing all the feel and beauty,depicting it in more than one ways... यात्रा...मेरे और हर दिल के भीतर की...इस ज़िन्दगी के गहरे अनंत की...यात्रा फिर सतह पर आकर सूरज तक रश्मि की...
Wednesday 2 October 2013
Thursday 30 May 2013
खफा नींदें...
वो देखते हैं
अब
बोलते नहीं
जानते हैं बातों से
नींदें खफा हो जाती हैं
पर यूँ भी तो है ...
देखते हैं
तो
चैन रूठ जाता है
निगाहें खता हो जाती हैं
मुह फेरें तो कैसे
नूर नज़रों से है
जो मुड़ते हैं
तो
अँधेरे घने छा जाते हैं
चाँद दीखता नहीं
तब
चांदनी बरसती नहीं
जानते हैं
तारे गिने बिन
नींद आती नहीं
...नींदें फिर खफा हो जाती हैं
~Rashmi~
Monday 27 May 2013
एक शाम ...
उस एक शाम
कुछ अजीब था ...
मन खिला पर
आँख उदास
दिल मचला पर
होंठ थे चुप ,
चुपके से झांक रहे थे एहसास,
नज़र से नज़र की
खिड़की में
मैंने बुलाया उन्हें ,थाम के हाथ
मौन में
अनकहे ख्वाबों को सहलाया
संभाला चाँद के आँचल में
जो आँख से
कुछ तारे टपक पड़े
निकले हम तुम टांकने उन्हें
राह में राह तकते ऊंचे दरख्तों पे
आओ एक शाम ,
कुछ अजीब करें
उन दरख्तों के नीचे चलते,
ऊपर झिलमिलाते तारों को
चांदनी के दुपट्टे में टांकें
...आओ
एक शाम फिर कुछ अजीब करें
आँख उदास
दिल मचला पर
होंठ थे चुप ,
चुपके से झांक रहे थे एहसास,
नज़र से नज़र की
खिड़की में
मैंने बुलाया उन्हें ,थाम के हाथ
मौन में
अनकहे ख्वाबों को सहलाया
संभाला चाँद के आँचल में
जो आँख से
कुछ तारे टपक पड़े
निकले हम तुम टांकने उन्हें
राह में राह तकते ऊंचे दरख्तों पे
आओ एक शाम ,
कुछ अजीब करें
उन दरख्तों के नीचे चलते,
ऊपर झिलमिलाते तारों को
चांदनी के दुपट्टे में टांकें
...आओ
एक शाम फिर कुछ अजीब करें
Friday 1 February 2013
Friday 25 January 2013
Wednesday 23 January 2013
इत्तेफाकन
इत्तेफाकन
तेरे शहर से गुज़ारना हुआ
सर्द हवाओं में
गर्माहट का घुलना हुआ
सफ़र पर चले जा रहे थे
राह में तेरी आहट पा
ठिठकना हुआ
तेरे बोलों की बानगी
दिल का आज फिर
तड़प कर धड़कना हुआ
~Rashmi~
तेरे शहर से गुज़ारना हुआ
सर्द हवाओं में
गर्माहट का घुलना हुआ
सफ़र पर चले जा रहे थे
राह में तेरी आहट पा
ठिठकना हुआ
तेरे बोलों की बानगी
दिल का आज फिर
तड़प कर धड़कना हुआ
~Rashmi~
Saturday 19 January 2013
Thursday 17 January 2013
Wednesday 16 January 2013
इन्द्रधनुषी रंग...
रंगों से भरी एक शाम देखने की तमन्ना
तुम होते तो
वो रंगीन शाम उतरती
उस शाम की लाली से मांग भरने की तमन्ना
तुम होते तो
वो तारों से चमकती
उन सितारों की लकीर टांकने की तमन्ना
तुम होते तो
रंगीन आँचल लहराती
उन रंगीनियों से एक रात रंगने की तमन्ना
तुम होते तो
आँख हज़ार सपने बुनती
उन सपनों को उजली सुबह देने की तमन्ना
तुम होते तो
हर सुबह महकती
उस महक से ज़िन्दगी महकाने की तमन्ना
तुम होते तो
ज़िन्दगी जी जाती
उस एक दिन और एक रात को पाने की तमन्ना
तुम होते तो
उन पलों में इन्द्रधनुष खिला लेती
ज़िन्दगी में सारे रंग भरने की तमन्ना
तुम होते तो
..........................
~Rashmi~
तुम होते तो
वो रंगीन शाम उतरती
उस शाम की लाली से मांग भरने की तमन्ना
तुम होते तो
वो तारों से चमकती
उन सितारों की लकीर टांकने की तमन्ना
तुम होते तो
रंगीन आँचल लहराती
उन रंगीनियों से एक रात रंगने की तमन्ना
तुम होते तो
आँख हज़ार सपने बुनती
उन सपनों को उजली सुबह देने की तमन्ना
तुम होते तो
हर सुबह महकती
उस महक से ज़िन्दगी महकाने की तमन्ना
तुम होते तो
ज़िन्दगी जी जाती
उस एक दिन और एक रात को पाने की तमन्ना
तुम होते तो
उन पलों में इन्द्रधनुष खिला लेती
ज़िन्दगी में सारे रंग भरने की तमन्ना
तुम होते तो
..........................
~Rashmi~
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