बस एक बार
दिल लगाने की चाहत है...
जी उठे थे तुम्हारे पहलू में
~Rashmi~
दिल लगाने की चाहत है...
जी उठे थे तुम्हारे पहलू में
बस एक बार
तुम पर मरने की चाहत है
तुम पर मरने की चाहत है
समां जाएँ तुम्हारे आगोश में
बस एक बार
मुकम्मल जीने की चाहत है
बस एक बार
मुकम्मल जीने की चाहत है
वो प्यासे लब एक बूँद से काँपे थे
बस एक बार
तुम्हारा मन पीने की चाहत है
बस एक बार
तुम्हारा मन पीने की चाहत है
कुछ लड़खड़ायें, तुम्हारे सीने में छुप जाएँ
बस एक बार
अपना वजूद पाने की चाहत है
बस एक बार
अपना वजूद पाने की चाहत है
बस एक बार
बाहों में तुम भर लो,और न कोई चाहत है ...
बाहों में तुम भर लो,और न कोई चाहत है ...
~Rashmi~
मैं हर सितारे से तेरे दर पता पूछूँगा
ReplyDeleteसूनी राहों से तेरी जब भी सदा आयेगी
वाह !!! कितनी आसानी से इतने नाज़ुक एहसासों को लिख डाला आपने.....बहुत ही सुंदर एवं सारगर्भित रचना !!
@ संजय भास्कर
शुक्रिया ...बस सहज सरल लिख दिया
Deleteबेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!
ReplyDeleteशुभकामनायें.
शुक्रिया मदन मोहन जी
Deletebeautiful.................
ReplyDelete<3
anu
बहुत ही अच्छा लिखा आपने ।
ReplyDeleteशुक्रिया राजीवजी
ReplyDeleteThank u :) Anu di
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