Wednesday 22 February 2017

....!

 वो समझदार था

कुछ जिया

 कुछ बचत में जमा कर लीं यादें 

बाकि उम्र के लिए

और मैंने !

सब खर्च दिया

 वो दिल, एहसास, हंसी

सब कुछ

मैं निरी नासमझ 

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